*हस्त_रेखा_ज्ञान – क्या कहती हैं आपके हाथ की रेखाएँ *
*हाथ की लकीरों में छुपे हैं आपके जीवन के राज़! जानें हस्त रेखा ज्ञान से जुड़ी जानकारियाँ और हाथों की रेखाओं को देखने और समझने का तरीका।*
* हस्त रेखा ज्ञान एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और तीनों कालों (भूत, वतर्मान, भविष्य) के बारे में जाना जा सकता है। हस्त रेखा विज्ञान पर यूनान के महान दार्शनिक अरस्तू ने अपने विचार रखते हुए कहा था, ‘मनुष्य के हाथों की रेखाएं बिना किसी वजह से उकरी हुई नहीं होती हैं, बल्कि ये उसके भविष्य की संभावनाओं को प्रकट करती हैं।’’ शास्त्रों के अनुसार हस्त रेखा ज्योतिष को सामुद्रिक शास्त्र का घटक माना गया है। हस्तरेखा विज्ञान में हाथ की रेखाओं के साथ-साथ हाथ के आकार, बनावट, रंग, त्वचा और नाखून का भी अध्ययन किया जाता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा को दखने की विधि बतायी गई है।*
* कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य को उसकी वास्तविक क्षमता का आभास नहीं हो पाता है, जिसके कारण वह ग़लत दिशा में अपनी ऊर्जा व्यय करता है। परंतु यदि उसको अपनी वास्तविक शक्ति का ज्ञात हो जाए तो वह सकारात्मक दिशा की ओर बढ़कर सफलता प्राप्त करता है। हस्त रेखा ज्ञान से वह अपनी शक्तियों को पहचान सकता है।*
*हस्त रेखा पर ग्रह क्षेत्रों का महत्व*
* हमारी हथेली पर ग्रह क्षेत्रों को निर्धारित किया गया है। इन ग्रह क्षेत्रों को पर्वत कहा जाता है। हथेली पर स्थित ग्रह के स्थानों पर या तो उभार होता है या फिर ये एक दम सपाट होते हैं। ग्रह क्षेत्रों का उभरना जन्मकालीन ग्रहों की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वहीं यदि ग्रह क्षेत्र सपाट हों तो जन्मकालीन ग्रह की स्थिति को बलहीन माना जाता है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की हथेली पर उभार होता है वे अवसरों का लाभ उठाकर सफलता के शिखर पर पहुँचते हैं। इसके विपरीत जिन जातकों की हथेली पर स्थित ग्रह क्षेत्र सपाट होते हैं उन्हें सफलता के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है।*
*हस्त रेखा कैसे देखें?*
* हस्त रेखा से भविष्य जानना तभी संभव है जब आपको हस्त रेखा देखने की विधि ज्ञात हो। इसके लिए सबसे पहले हमें अपने दोनों हाथ और उनकी लकीरों के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है। हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार हमारे दायें और बायें दोनों हाथों का अलग-अलग महत्व है। माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति का बायां हाथ उसकी क्षमता को प्रकट करता है, जबकि दायां हाथ उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है। वहीं सीधे हाथ की रेखा मनुष्य के भविष्य का बोध कराती है, जबकि उल्टे हाथ की रेखा उसके अतीत के बारे में बताती है। इसके अलावा हमारी हथेली में उकरी हुई रेखाओं के भी भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हैं और हस्तरेखा विज्ञान में इन्हें अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। जो इस प्रकार हैं-*
*ह्रदय रेखा* :-
* यह रेखा हाथ पर सबसे ऊपर उंगलुियों के नीचे की ओर स्थित होती है। हस्त रेखा विद्वानों के अनुसार, यह रेखा ह्रदय से संबंधित मामलों और भावनात्मक विचारों को दर्शाती है। यह रेखा हमारे मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाले भावनात्मक पक्ष का प्रतिनिधित्व करती है। यदि इस रेखा पर कोई जालनुमा आकृति बनी हुई है तो यह दर्शाती है कि वह व्यक्ति बहुत बेचैन और संवेदनशील रहेगा।*
*जीवन रेखा* :-
* यह रेखा अंगूठे के पास और हथेली के किनारे से शुरू होती है। जीवन रेखा प्रत्येक मनुष्य के व्यक्तित्व, शक्ति, शारीरिक स्वास्थ्य और सामान्य अवस्था को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त यह रेखा हमारे जीवन में होने वाले बड़े बदलाव और दुखद घटनाओं को भी इंगित करती है। जीवन रेखा सुंदर, पतली और गहरी हो तो यह जीवन में उत्साह बनाए रखती है। जब शुक्र के लिए पर्याप्त स्थान छोड़कर जीवन रेखा आगे की बढ़े तो यह स्वास्थ्य जीवन के लिए शुभ होती है।*
*मस्तिष्क रेखा* :-
* यह रेखा हथेली के किनारे पर तर्जनी उंगली के नीचे से बाहर की ओर जाती है। हस्त रेखा ज्योतिषी के अनुसार मस्तिष्क रेखा प्रत्येक अपने परिजनों के प्रभाव में रहता है। यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा का उद्भव अलग-अलग हो तो यह स्थिति किसी पारिवारिक सदस्य की कमी को दर्शाती है। ऐसे जातक हठी भी हो सकते हैं।*
*स्वास्थ्य रेखा* :-
* यह रेखा हथेली पर सबसे नीचे की ओर कलाई से शुरू होकर छोटी उंगुली की तरफ जाती है। यह रेखा स्वास्थ्य संबंधी मामलों को दर्शाती है जिनका सामना भविष्य में मनुष्य को करना पड़ सकता है। यदि हथेली में यह रेखा खंडित हो तो जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब स्वास्थ्य रेखा सीधी व स्पष्ट हो और यह बुध क्षेत्र तक पहुँचती है तो ऐसे जातकों की रोग प्रतिरोध क्षमता मजबूत होती है।*
*भाग्य रेखा* :-
* यह रेखा हथेली पर सबसे नीचे कलाई से शुरू होकर मध्य उंगली तक जाती है। भाग्य रेखा से मनुष्य के करियर, जीवन में मिलने वाली सफलता और चुनौतियों का पता चलता है। जब भाग्य रेखा का आरंभ चंद्रमा के स्थान से हो तो जातक नौकरी करके अपना जीवनयापन करता है। जब जीवन रेखा से भाग्य रेखा उदय हो तो ऐसे जातकों का भाग्योदय देरी से होता है।*
*सूर्य रेखा* :-
* यह रेखा अनामिका उंगुली के नीचे स्थित होती है। हस्त रेखा जानकारों का कहना है कि सूर्य रेखा जीवन में मिलने वाले सम्मान या विवादित प्रकरण संबंधी मामलों को दर्शाती है। जब सूर्य रेखा सूर्य क्षेत्र से नीचे की ओर बढ़े तो यह स्थिति व्यक्ति को असाधारण बना देती है।
FOR MORE INFORMATION – CLICK HERE
Bahut acche information de aap ne thank you sir.