मंगल ग्रह की शांति के सरल उपाय
1 मंगल ग्रह की शांति के सरल उपाय कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।
2 ग्रहों के मंत्र की जप संख्या, द्रव्य दान की सूची आदि सभी जानकारी एकसाथ दी जा रही है। मंत्र जप स्वयं करें या किसी कर्मनिष्ठ ब्राह्मण से कराएं।
3 दान द्रव्य सूची में दिए पदार्थों को दान करने के अतिरिक्त उसमें लिखे रत्न-उपरत्न के अभाव में जड़ी को विधिवत् स्वयं धारण करें, शांति होगी।
4 मंगल के लिए : समय- सूर्योदय से 48 मिनट तक। कार्तिकेय या शिवजी की पूजा करें। कार्तिकेय या शिवजी के स्तोत्र का पाठ करें।
5 मंगल के मंत्र का 10 हजार बार जाप करें। मंत्र : ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
6 दान-द्रव्य : मूंगा, सोना, तांबा, मसूर, गुड़, घी, लाल कपड़ा, लाल कनेर का फूल, केशर, कस्तूरी, लाल बैल। मंगलवार का व्रत करना चाहिए। कार्तिकेय पूजन करना चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए। 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
7 मंगल सेना पति होता है, भाई का भी द्योतक और रक्त का भी करक माना गया है |
8 इसकी मेष और वृश्चिक राशि है | कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर भाई, पटीदारो से विवाद, रक्त सम्बन्धी समस्या, नेत्र रोग, उच्च रक्तचाप, क्रोधित होना, उत्तेजित होना, वात रोग और गठिया हो जाता है। रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जाता। व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो जाता है। मान्यता यह भी है कि बच्चे जन्म होकर मर जाते हैं।
उपाय : ताँबा, गेहूँ एवं गुड,लाल कपडा,माचिस का दान करें।
9 तंदूर की मीठी रोटी दान करें।
10 बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहाएँ, मसूर की दाल दान में दें।
11 हनुमद आराधना करना, हनुमान जी को चोला अर्पित करना, हनुमान मंदिर में ध्वजा दान करना, बंदरो को चने खिलाना, हनुमानचालीसा, बजरंगबाण, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड का पाठ और ॐ अं अंगारकाय नमः का १०८ बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है |
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