शनि पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह
* शनि पर्वत पर यदि क्रॉस का चिन्ह बना हो तब व्यक्ति को धन की हानि उठानी पड़ती है.
* दाँतो से संबंधित विकार भी व्यक्ति को समय-समय पर होते रहते हैं.
* यदि जातक व्यवसाय करता है तब उसे व्यवसाय संबंधित बहुत सी रुकावटो से होकर गुजरना पड़ता है।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार हमारी हस्त रेखा हमारे जीवन के विषय में तमाम रहस्य बताने में सक्षम होतीं हैं। हमारी शादी कब होगी , हमारे जीवन में संघर्षो का दौर कब खत्म होगा या फिर व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सफलता कब मिलेगी ,इन सभी प्रश्नों का जवाब हम अपने हाथ की लकीरों में तलाशतें हैं। हस्त रेखा के जानकार बतातें हैं कि जीवन के विषय में हर प्रकार की जानकारी व्यक्ति के हाथों की रेखाएं बयां कर देतीं हैं।
हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हथेली पर जितना महत्व लकीरों का होता है उतना ही महत्व उस पर बने पर्वतों का भी होता है। हमारे हथेली पर बने अलग-अलग ग्रहों के पर्वतों से व्यक्ति के भाग्य और जीवन के विषय में काफी जानकारी हासिल हो जातीं है। आपको बता दें कि हमारी हथेली पर सूर्य, बुध, गुरु, चंद्र, शुक्र और शनि ग्रहों के प्रतीक पर्वतों की आकृति बनी होती हैं।ज्योतिष बतातें हैं व्यक्ति को सबसे अधिक भय शनि देव से ही लगता हैं.चलिए जानतें हैं हथेली में उभरे शनि ग्रह के पर्वत से कब शुभ तथा अशुभ योग बनते हैं :
आइए जानते हैं शनि पर्वत पर बने विभिन्न चिह्नों के बारे में।
हथेली में शनि पर्वत मध्यमा अंगुली के नीचे होता है। भाग्य रेखा इसी पर्वत पर आकर समाप्त होती है। इसलिए शनि का सीधा संबंध भाग्य से होता है।
यदि शनि पर्वत पर एक रेखा हो तो व्यक्ति को जबर्दस्त भाग्य का साथ मिलता है।
एक से अधिक रेखाएं हों तो व्यक्ति के जीवन में निरंतर बाधाएं आती रहती हैं।
शनि पर्वत पर आपस में काटती हुई रेखाएं हों तो यह दुर्भाग्य और चिंताओं की सूचक हैं।
शनि पर्वत पर बिंदु हो तो अचानक घटनाएं होती हैं। क्रॉस का चिह्न हो तो यह शारीरिक कमजोरी और नपुंसकता का प्रतीक है।
नक्षत्र हो तो मनुष्य में हत्या करने की भावना आ जाती है।
वर्ग हो तो यह अनिष्टों से बचाव का सूचक है। यदि शनि पर्वत पर वृत्त का चिह्न हो तो व्यक्ति की रुचि विवाह करने में नहीं रहती है। यह आजीवन कुंवारा रहता है।
त्रिकोण हो तो जातक रहस्यमयी कार्यो में रुचि रखता है।
जाल बना हुआ हो तो इसे भाग्य का साथ नहीं मिलता।