Hast Rekha :- हस्त रेखा का ज्ञान हिंदी में ( चित्र के साथ )


ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत हस्त-रेखा का विशेष महत्व है, तथा हस्त रेखा को भारतीय ज्योतिष का अभिन्न अंग माना गया है |  जिस व्यक्ति को रेखाओ का ज्ञान होता है वह व्यक्ति हस्त रेखा की सहायता से किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य तथा वर्तमान में घटने वाली घटनाओ का अनुमान लगा सकता है | 

एक अच्छे हस्त रेखा विशेषज्ञ के माध्यम से आप भी हस्त रेखा से सम्बंधित ज्ञान प्राप्त कर सकते है, जिसके द्वारा आप अपनी आयु, विवाह, संतान, भाग्य आदि के विषय में जानकारी ले सकते है, यदि आपको भी हस्त रेखा देखने में रूचि है तो यहाँ आपको “हस्तरेखा का ज्ञान – हस्त रेखा देखने की विधि (चित्र सहित),  Hast Rekha Gyan (Palmistry in Hindi)” इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई गयी है |

आइये जानते है विस्तार पूर्वक हस्त रेखा के बारे में 

जीवन रेखा – Life Line

जीवन रेखा- हमारे पुराणों से चलती आ रही प्रथा के अनुसार हमारे जीवन में हस्त रेखा का बहुत महत्व है जो हमारे हर घटना क्रम का वर्णन करती है, जीवन रेखा हमें आयु व जीवन से सम्बन्थित जानकारी प्रदान करती है.
जीवन रेखा कौन सी होती है- जीवन रेखा का स्थान अंगूठे के आधार से प्रारम्भ होकर हथेली को पार् करते हुए वृत्त के आकार मे कलाई के पास आकर मिलती है, यह बहुत प्रभावशील रेखा मानी जाती है।
जीवन रेखा का सम्बन्ध- इस रेखा का सम्बन्ध शारीरिक शक्ति को परखने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता व स्वास्थ्य सम्बंधित महत्वपूर्ण बातो की जानकारी का वर्णन करने से होता है,  इस रेखा से ही मनुष्य 

धन रेखा – Money Line

धन रेखा– हमारे जीवन में हस्त रेखा का बहुत महत्व होता है हस्तरेखा से मनुष्य जीवन से सम्बन्थित रहस्य का पता लगने में समर्थ होता है, धन रेखा धन की जीवन में स्थिति बताती है।
धन रेखा कौन सी होती है- धन रेखा छोटी अंगुली के आधार से सीधी रेखा को कहते है।
धन रेखा का सम्बन्ध-धन रेखा का सम्बन्ध जातक के जीवन में धन का निवेश, बचत और धन के प्राप्ति के योग को दर्शाता है।

संतान रेखा –Children Line

संतान रेखा– हमारे शास्त्र में हस्त रेखा से कितनी ही जीवन से जुड़ी घटना का वर्णन किया गया है, यह संतान रेखा हमे संतान सुख के बारे में बताती है।
संतान रेखा कौन सी होती है-संतान रेखा का स्थान छोटी अंगुली (कनिष्ठा) की जड़ पर विवाह रेखा के ऊपर खड़ी रेखाएं संतान रेखा होती है, अंगूठा वाला क्षेत्र पितृ क्षेत्र कहलाता है और अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है जो संतान सम्बंधित प्रश्न-उत्तर देता है।
संतान रेखा का सम्बन्ध-इस रेखा का सम्बन्ध संतान


हृदय रेखा –Heart Line


हृदय रेखा-हाथ की रेखाएं के बारे में ज्योतिषी विद्वानों ने बहुत सी रेखाओं की जानकारी दी है जिनमे से एक ह्रदय रेखा है जो जीवन में प्रेम सम्बधित व प्रेम विवाह के योग को बताती है।
हृदय रेखा कौन सी होती है-हृदय रेखा का स्थान छोटी अंगुली (कनिष्ठा) के नीचे से हथेली को पार करती हुई अंगूठे के बगल वाली अंगुली (तर्जनी) के नीचे तक होकर जाती है ये आपको अंगुलियो के ठीक नीचे देखने को मिलती है, व्यक्तियों के हाथ में यह रेखा बहुत छोटी भी पाई जाती है।
ह्रदय रेखा का सम्बन्ध-इस रेखा का सम्बन्ध सहनशक्ति, आत्मिक भावना, आपके जीवन में प्रेम विवाह योग है या नहीं के साथ-साथ हृदय संबंधित विभिन्न भाव को दर्शाता है।


स्वास्थ्य रेखा –Health Line


स्वास्थ्य रेखा-अक्सर मनुष्य अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता है, शास्त्रों के अनुसार हमारी हथेली में स्वास्थ्य रेखा होती है जो हमारी अस्वस्थता का सूचक होती है।
स्वास्थ्य रेखा कौन सी होती है-स्वास्थ्य रेखा छोटी अंगुली के आधार से प्रारम्भ होती हुई अंगूठे के आधार तक फैली रहती है, इसका प्रारम्भ ह्रदय रेखा से हो सकता है लेकिन अंत में जीवन रेखा के बीना छुए समाप्त हो जाती है, स्वास्थ्य रेखा शुरू होने का कोई स्थिर बिंदु नहीं होता है.
स्वास्थ्य रेखा का सम्बन्ध-स्वास्थ्य रेखा का सम्बन्ध जीवन में स्वास्थ्य संबधो से जुडी जानकारी देना होता है।



मस्तिष्क रेखा –Head Line


मस्तिष्क रेखा-मनुष्य अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित रहता है इसलिए हमेशा अपना भविष्य फल जानने का उत्सुक रहता है, मस्तिष्क रेखा से हम सकारात्मक व कौशल ऊर्जा कोका पता लगा सकते है।
मस्तिष्क रेखा कौन सी होती है-मस्तिष्क रेखा का उद्गम अंगूठे व तर्जनी के बीच हथेली के किनारे से होती हुई, जीवन रेखा के ऊपर व हृदय रेखा के नीचे मध्य भाग में हथेली भर में फैली हुई होती है।
मस्तिष्क रेखा का सम्बन्ध-मस्तिषक रेखा का सम्बन्ध जातक की ऊर्जा, तर्कक्षमता, कौशल योग्यता आदि से होता है, यह रेखा जरूरी नहीं की पूरी हथेली पर फैली हो, कई बार यह हथेली के मध्य भाग तक ही सिमित रह जाती है।

विवाह रेखा –Marriage Line


विवाह रेखा-हमारे शास्त्र में विवाह का बहुत महत्व है ज्योतिषी अनुसार हमारी हथेली में पाई जाने वाली विवाह रेखा शादी का सूचक व रिश्तों में विश्वास का सूचक माना जाता है।
विवाह रेखा कौन सी होती है-विवाह रेखा का स्थान छोटी (कनिष्ठा) अंगुली के बिल्कुल नीचे व ह्रदय रेखा के ऊपर स्थित होता है, विवाह रेखा का विश्लेषण करते समय शुक्र पर्वत व ह्रदय रेखा को भी देखा जाता है. यह कई व्यक्ति के हथेली में विवाह रेखा एक व कई कई हाथो में एक से अधिक भी पाई जाती है, अधिक रेखा में से जो रेखा गहरी होती है वो रेखा मान्य होती है।
विवाह रेखा का सम्बन्ध-विवाह रेखा का सम्बन्थ वैवाहिक जीवन की स्थिति, वैवाहिक जोड़ो के बीच प्रेम स्नेह के अस्तित्व को दर्शाती है, साथ ही रिश्तों में विश्वास का इसमें बहुत महत्त्व दिखाई पड़ता है|

यात्रा रेखा –Travel Line


यात्रा रेखा-शास्त्रों में हमारी हथेली में पाई जाने वाली रेखाओं का बहुत महत्व है जिससे हम बहुत से जीवन से जुड़े रहस्य का पता लगा लेते है यात्रा रेखा आपके यात्रा में जाने के योग को दर्शाती है।
यात्रा रेखा कौन सी होती है-यात्रा रेखा कलाई व ह्रदय रेखा के मध्य फैली हुई होती है।
यात्रा रेखा का सम्बन्ध-यात्रा रेखा का सम्बन्ध यात्रा में बाधाओं और सफलता का सामना, यात्रा में स्वास्थ्य के प्रतिकूल व अनुकूल प्रभाव को,यात्रा की अवधि से होता है।

भाग्य रेखाFate Line


भाग्य रेखा-हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्त रेखा से हम बहुत सी महत्वपूर्ण बातो का पता लगा सकते है, भाग्य रेखा आपके सफलता के बीच आने वाली बाधाओं, आपके भाग्य को दर्शाता है।
भाग्य रेखा कौन सी होती है- भाग्य रेखा का स्थान हृदय रेखा के मध्य से शुरू होकर मणिबन्ध (कलाई) तक फैला होता है, इस रेखा का प्रारंभिक बिंदु शनि पर्वत (मध्यमा अंगुली) होता है।
भाग्य रेखा का सम्बन्ध-भाग्य रेखा का सम्बन्ध आपके करियर में उतार-चढ़ाव के परिवर्तन, आपके कार्य क़ी योग्यता से होता है, इस रेखा के द्वारा आपके नौकरी के भाग्य को दर्शाता है, इस रेखा को करियर रेखा भी कहते है।

करधनी रेखाGirdle Line

करधनी रेखा– रेखाओं का जीवन में बहुत महत्व है जो हमारी परिस्थितिओं व हमारे अच्छे-बुरे समय को व्यक्त करता है, अपने बारे में जानने की उत्सुकता हर किसी को होती है, करधनी रेखा संवेदनशीलता से जुड़ी बातो को प्रदर्शित करती है।
करधनी रेखा कौन सी होती है-करधनी रेखा का प्रारम्भ छोटी अंगुली और अनामिका के बीच से होकर अंत मध्यमा व तर्जनी पर होता है, यह रेखा अर्धचंद्राकर आकृति रूप में होती है, यह शुक्र का गर्डल भी कहलाता है।
करधनी रेखा का सम्बन्ध-करधनी रेखा का सम्बन्ध व्यक्ति के संवेदनशीलता व उग्र स्वभाव को दर्शाता है तथा ऐसे व्यक्ति दोहरी मानसिकता वाले होते है।

मणिबंध रेखाBracelet Line

मणिबंध रेखा-हाथ में सभी रेखाओं का अपना एक अलग महत्व होता है मणिबंध रेखा से व्यक्ति आयु का पता लगाया जाता है।
मणिबंध रेखा कौन सी होती है-मणिबंध रेखा का स्थान कलाई पर शुरुआत में ही बनी होती है, किसी व्यक्ति में यह दो किसी में तीन भी पाई जाती है।
मणिबंध रेखा का सम्बन्ध-मणिबंध रेखा का समबन्ध आयु, स्वास्थ्य और संतान से जुडी विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देने की भविष्यवाणी से सम्बन्थित होता है।

सूर्य रेखा – Sun Line


सूर्य रेखा-हाथ की लकीरे हमारी भविष्य से जुड़ी बातो की और इशारा करती है, हम हमेशा अपने करियर को जानने के लिए उत्सुक रहते है सूर्य रेखा को हम सफलता रेखा भी कहते है।
सूर्य रेखा कौन सी होती है-सूर्य रेखा का स्थान अनामिका (रिंग) अंगुली के नीचे के क्षेत्र से ऊपर की ओर होता है, रिंग अंगुली के नीचे के क्षेत्र को सूर्य पर्वत कहते है, अगर सूर्य रेखा का फैलाव कलाई तक होता है तो ऐसे व्यक्ति असाधारण माने जाते है, ऐसी रेखा महान पुरुषों, कलाकारों के हाथ में आसानी से देखी जा सकती है।
सूर्य रेखा का सम्बन्ध-सूर्य रेखा का सम्बन्ध मुख्य रूप से क्षमता, प्रतिभा और लोकप्रियता से होता है इसलिए इसे सफलता की रेखा भी कहा जाता है, साथ ही यह भाग्य रेखा को बहुत प्रभावित करती है।

सिमीयन रेखा –Simian Line

सिमीयन रेखा-हमारी हर रेखा का ज्योतिषी महत्व होता है जिसे हर कोई जानना चाहता है इसका प्रभाव हमारे जीवन में किसी न किसी रूप में अवश्य पड़ता है, सिमियन रेखा जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की सहनशक्ति को दर्शाता है।
सिमीयन रेखा कौन सी होती है-जो रेखा ह्रदय रेखा व मस्तिष्क रेखा को जोड़ती है वो सिमीयन रेखा कहलाती है,यह बहुत दुर्लभ रेखा होती है व यह रेखा बहुत कम जातको में देखने को मिलती है।
सिमीयन रेखा का सम्बन्ध-सिमीयन रेखा का सम्बन्ध व्यक्ति की बौद्धिक साहस, सहनशक्ति व संवेदनशीलता से होता है।



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