★ हस्त रेखा में नक्षत्र (तारा) का चिन्ह ★
हस्त रेखा विज्ञान का महत्व जीवन में बहुत है। हस्त रेखा विज्ञान के माध्यम से मनुष्य भविष्य के बारे में सचेत होकर सही गलत का निर्णय ले सकता है। हथेली में अनेक प्रकार की रेखाएं पाई जाती हैं। जिनमें मुख्य रेखाएं जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा व ह्रदय रेखा होतीं हैं, व इसके अलावा अनेक प्रकार के चिन्ह जैसे कि क्रॉस, आयत, त्रिभुज, वर्ग व नक्षत्र आदि पाए जाते हैं। हथेली की प्रत्येक रेखा व चिन्ह का अपना महत्व होता है। हथेली का प्रत्येक चिन्ह भविष्य के बारे में कोई न कोई संकेत अवश्य देता है। हथेली में नक्षत्र का भी अपना महत्व होता है, व हथेली में इसकी स्थिति के अनुसार मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है। और इसे तारा भी कहा जाता है। यह हथेली के विभिन्न भागों जैसे कि शनि पर्वत, सूय पर्वत, गुरू पर्वत, बुध पर्वत, शुक्र पर्वत, चन्द्र पर्वत, राहू पर्वत, केतु पर्वत पर पाया जा सकता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यह नक्षत्र विवाह रेखा, ह्रदय रेखा, और मस्तिष्क रेखा पर भी पाया जा सकता है।
आइये जानते हैं, हथेली के विभिन्न भागों पर उपस्थिति के अनुसार नक्षत्र (तारा) किस तरह से मानव जीवन पर प्रभाव डालता है।
1. गुरु पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
गुरु पर्वत पर नक्षत्र |
* यह व्यक्ति पूर्ण सफलता प्राप्त करता हैं। यहां पर नक्षत्र का चिन्ह होना बेहद ही शुभ होता है। जब इस प्रकार का नक्षत्र गुरु पर्वत पर बन रहा हो तो दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति देखने को मिलती हैं। बहुत सफल जातक ऐसे होते है और अपने जीवन में तमाम प्रकार की उपलब्धियां हासिल करने के साथ-साथ अपनी सारी इच्छाओं एवं मनोकामना को पूर्ण करने वाले होता है। तो जब भी यहां पर किसी भी प्रकार या किसी भी रूप से नक्षत्र का चिन्ह बने तो जान लीजिए कि ऐसा व्यक्ति कुलदीपक होने वाला रहेगा और युगो युगो तक ऐसे व्यक्तियों का नाम रहने वाला रहेगा।
2. शनि पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
शनि पर्वत पर नक्षत्र |
* ऐसा व्यक्ति तंत्र-मंत्र की विद्याओं का ज्ञाता होता हैं। शनि पर्वत पर जब नक्षत्र साइन यानी तारा बनता है, तो यह बताता है कि ऐसा व्यक्ति बहुत बड़ा ज्योतिषी या रहस्य में विद्याओं का दाता या रचनाकार बनने वाला रहेगा साथ ही साथ जितनी भी ऑक्ल्ड साइंस होती है, उन सारे क्षेत्रों में जितने लोग प्रसिद्ध हुए हैं, उनके अधिकतर हाथों में नक्षत्र का चिन्ह शनि पर्वत पर पाया गया है। तो किसी न किसी रूप से ऐसे व्यक्तियों के द्वारा जो बात मुंह से निकल जाती है, वह कहीं ना कहीं सही भी हो जाती है, इसीलिए यहां का शनि बहुत शुभ माना जाता है।
3. सूर्य पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
सूर्य पर्वत पर नक्षत्र |
* पूर्ण धन लाभ होता हैं, और प्रसिद्धि प्राप्त होती हैं। सूर्य पर्वत पर नक्षत्र बनना बेहद शुभ होता है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति देश दुनिया के बाहर भी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध होने वाला रहता है। साथ-साथ अपनी कलाओं के द्वारा ऐसे लोग हर जगह पूजनीय साबित होते हैं। और युगो युगो तक इनका नाम याद रखा जाता है। व्यापार के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति के योग बनते हैं और यही कारण है कि ऐसे लोगों के अंतर्गत काम करने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक देखने को मिलती है।
4. बुध पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
बुध पर्वत पर नक्षत्र |
* व्यक्ति व्यापारिक तथा उच्च कोटि कि वैज्ञानिक उपलब्धि प्राप्त करता हैं। बुध पर्वत यहां पर आपके व्यापार को बताता है, और जब बुध पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह बने तो ऐसा व्यक्ति उच्च कोटि का व्यापारी देखने को मिलता है, या फिर वैज्ञानिक या डॉक्टर के रूप में भी अपने आप को प्रदर्शित करते हुए देखने को मिलते हैं। व्यक्ति व्यापारिक तथा उच्च कोटि कि वैज्ञानिक उपलब्धि प्राप्त करता हैं। ऐसे लोगों की वाणी इतनी ज्यादा मधुर और आकर्षित रहती है कि कोई भी व्यक्ति इनके चंगुल में बड़ी आसानी से फंस सकता है, और ऐसे व्यक्ति काम निकलवाने में बहुत ज्यादा ही माहिर होते हैं। और अपने बातों के द्वारा ही सबका मन मोह लेने वाला होता हैं।अपनी बातों से किसी को भी प्रभावित कर सकते है, यानी प्रेरणाहीन व्यक्ति को प्रेरित कर सकते है, ऐसे लोगों के अधिकतर हाथों में इस प्रकार के योग बनते हुए देखने को मिलते हैं।
5. केतु पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
केतु पर्वत पर नक्षत्र |
* उस व्यक्ति का बचपन अत्यन्त सुख में बीतता हैं। सिर्फ बचपन ही सुखी नहीं होता है। पूरा जीवन ही सुख में देखने को मिलता है, किन्तु एक प्रकार का रहस्य में गिरा है जिसको आज तक कोई भी अच्छे से पता नहीं लगा पाया है। कि इसके परिणाम किस प्रकार के निकलेंगे परंतु यह बात एकदम सत्य है कि, जब यहां पर नक्षत्र बनता है, तो यह व्यक्ति को बहुत ज्यादा ही उपलब्धियां दिलाने के साथ-साथ अचानक से धन लाभ एवं प्रगति की ओर लेकर के जाता है। देखने को मिला है कि ऐसे व्यक्ति कहीं ना कहीं अपना 1% जो जीवन है उसको गरीबी में बिताते हैं। परंतु अचानक से कुछ ऐसा होता है कि रंक से राजा बन जाते हैं। इसीलिए यहां पर केतु को अगर और ज्यादा खुश करना है, तो आप जितना हो सके धार्मिक हो जाए तो इस कारण से यहां के नक्षत्र का प्रभाव और ज्यादा शुभ हो पाएगा।
6. शुक्र पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
शुक्र पर्वत पर नक्षत्र |
* व्यक्ति कामुकता व भोग की सामग्रियों से सम्पन्न होता हैं। शुक्र याहां पर आपके सेक्स के बारे में भी बताता है। इसीलिए ऐसे व्यक्ति ज्यादातर कामि देखने को मिलते हैं। जिसके कारण हमेशा दिलों दिमाग में सेक्स के बारे में ही चलता रहता है। शारीरिक क्रियाओं में ही ज्यादातर रूचि लेने वाले रहते हैं। परंतु हर प्रकार की सुविधा लग्जरियस लाइफ और तमाम सुख और ऐशो आराम अपने जीवन में हासिल कर पाते हैं।
7. मंगल पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
मंगल पर्वत पर नक्षत्र |
* वह व्यक्ति साहसी होता हैं, अपने पराक्रम से प्रतिष्ठा प्राप्त करता हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मंगल यहां पर आपके पराक्रम मेहनत को बताता है। और जब यहां पर नक्षत्र का चिन्ह उत्पन्न हो जाए तो ऐसे व्यक्ति ना सिर्फ पराक्रमी यानी साहसी होते हैं, बल्कि अपने खुद के दम पर अपनी पूरी जीवन शैली चलाने वाले भी देखने को मिलते हैं। यही रीजन है कि मंगल यहां भूमि का भी कारक होता है और भूमि के द्वारा खूब संपत्ति इकट्ठा कर लेने वाले भी देखने को मिलते हैं।
8. राहु पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
राहु पर्वत पर नक्षत्र |
* हमेशा भाग्य साथ देता हैं, ऐसा व्यति जुआ में सफलता प्राप्त कर सकता हैं। राहु अचानक से धन लाभ देने वाला ग्रह होता है। इसीलिए जब यहां नक्षत्र का चीन बन रहा हो तो ऐसा व्यक्ति जुगाड़, सट्टा, लॉटरी इन सब किसी के भी माध्यम से अच्छा धन अपने जीवन में इकट्ठा कर सकता है, और अचानक से धन लाभ होने के कारण जीवन में बहुत उन्नति के साथ-साथ हर प्रकार की सुख सुविधाएं भी हासिल हो जाने वाली रहती है।
9. चन्द्र पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह,
चन्द्र पर्वत पर नक्षत्र |
* व्यक्ति साधक होता हैं या विशिष्ट होता हैं। चंद्र पर्वत पर जिसके नक्षत्र का चिन्ह होता है। ऐसा व्यक्ति जन्म स्थान से दूर अपना उन्नति कर पाता है। शादी के बाद ऐसे लोगों की उन्नति खूब देखने को मिलती है और साथ ही साथ विदेशी मुद्राओं में धन कमाने वाला होता है। इन्हें पानी वाले स्थल से भी बहुत अत्यधिक लाभ होता है। यानी प्रॉपर्टी बनती है और माँ से बहुत ज्यादा लगाव भी देखने को मिलता है।
10. विवाह रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह,
विवाह रेखा पर नक्षत्र |
* यह व्यक्ति के विवाह में कई प्रकार की बाधाएं आती हैं। यही एक मात्र स्थान उत्पन्न करता है, जो कि अवरोधक का चिन्ह होता है। यानी यह बताता है कि आपके शादी में किसी न किसी प्रकार की तकलीफ है। अब बाधा जरूर आएगी अगर आपके यहां पर नक्षत्र का चिन्ह मौजूद है तो।
11. ह्रदय रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह,
ह्रदय रेखा पर नक्षत्र |
* तो ह्रदय रोग एवं प्रेम में आघात होता हैं। जिनके हृदय रेखा में नक्षत्र का चयन होता है, ऐसे लोग अंधा प्रेम करने वाले होते हैं और प्रेम के चक्कर में ही अपने आप को बर्बाद करते हुए भी देखने को मिलते हैं। इनको समझ में नहीं आता कि प्रेमी इन का पेट नहीं भरने वाला है। प्रेम इनका जीवन नहीं चलाने वाला है। परंतु इस प्रकार की योगी बन जाते हैं कि अपने मन, बुद्धि तक को खो देते हैं। इसीलिए यहां का नक्षत्र इतना ज्यादा खराब नहीं होता जितना ज्यादा लोग खुद अपने आप कर देते हैं। प्यार करिए बेशक करिए, लेकिन शादी के पहले किसी पराई स्त्री या मर्द के ओर अगर आपने आंख उठाकर देखा या थोड़ा बहुत भी अगर आप का लगाव हुआ तो, यह आपके लिए सबसे ज्यादा हानिकारक रहने वाला रहेगा।
12. मस्तिष्क रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह,
मस्तिष्क रेखा पर नक्षत्र |
* व्यक्ति मानसिक आघात या शिरोरोग से पीड़ित होता हैं। यहां का भी नक्षत्र का चिन्ह अच्छा नहीं होता है। क्योंकि यह किसी न किसी प्रकार की मानसिक पीड़ा कष्ट चिंता को यहां पर व्यक्त करता है।
नक्षत्र का चिन्ह अत्यधिक सूची देखने को मिलता है। परंतु कई बार मानव पर इसका परिणाम गलत साबित होता है, इसीलिए ध्यान रखें कि जहां पर यह गलत साबित हो रहा है। उससे रिलेटेड उपाय करते रहें, ताकि आपको जीवन भर जो है, सहायता मिल सके और आपके जीवन में जो भी थोड़ी बहुत दिक्कत या परेशानी है उसका निजात जल्द से जल्द मिल सके, कमेंट करके जरूर बताये आप के हाथ के यह चिन्ह कहा पर है।
तब तक आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !
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Thank you so much sir for the information
Sir mere hath me ya Chinh Surya parvat par ban Raha ha. Thank you sir for the information