Rishabh Shrivastava
palmistry
ऋषभ श्रीवास्तव हस्तरेखा विशेषज्ञ
(Thanks for visiting)
नमस्कार दोस्तों, भगवान् आप सभी का भला करें और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो। दोस्तों आपका दिल से स्वागत है हमारे इस ब्लॉग में जिसमें हस्तरेखा से जुड़ी महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारी प्रत्येक दिन आपके लिए लाइ जाती हैं। हस्तरेखा शास्त्र प्राचीन काल से चली आ रही हैं, जिसके द्वारा आप अपनी हाथ की लकीरें पढ़कर भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल का आकलन और सटीक जानकारी बड़ी ही सरलता से हासिल कर सकते है। इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं ब्लकि अपने दोनों हाथों को देख अपने भाग्य, धन, सुख – समृद्धि, शादी, बच्चे और आपने स्वभाव के बारे मे जान सकते है। साथ ही आपके विशेष प्रश्नों का उतर और किसी भी तकलीफ, परेशानी का उपाय सिर्फ हाथ की लकीरों से जान सकते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र आपकी क्षमता और भविष्य के बारे में सोचने के लिए एक महत्वपूर्ण सटीक मार्ग है। किसी विशेषज्ञ के पास जाने पर आप अपने कार्य के बारे में, अपने गुणों और कमियों के बारे में भी सोच सकते हैं, जैसे कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के अवसरों के बारे में। हथेली पर दी गई रेखाएँ आपकी भलाई, पारिवारिक जीवन, आपकी समृद्धि, भ्रमण और उपक्रम के बारे में बता सकती हैं। चाहे जैसा भी हो, इस क्षेत्र में किसी विशेषज्ञ को खोजना आवश्यक है, क्योंकि कई लोग इस विषय पर लोगों के विश्वास का दुरुपयोग करते हैं और आपको गुमराह कर सकते हैं। जैसे कि एक विशेषज्ञ को एक बदमाश से अलग करना है, उसके साथ आने वाले काम पर ध्यान देना होगा। एक असली हस्ती पूरी तरह से विश्लेषण करती है। दो हाथों, इस तथ्य के प्रकाश में कि प्रत्येक हाथ मानव वृत्ति के अपने पक्ष को दर्पण; कोई विशेषज्ञ पामस्ट इस प्रकार निर्भर करता है कि हाथ के सभी घटकों (अंगुलियों की संरचना और लंबाई, अंगुलियों के निशान, ढलानों को हथेली पर रखते हुए, हर पंक्ति और हर चिन्ह) का निरीक्षण हो। एक अच्छा विश्लेषक के रूप में विशेषज्ञ पामस्ट यह निश्चित रूप से बताता है कि कैसे एक नकारात्मक परिस्थिति में परिवर्तन किया जाए और कैसे दैनिक जीवन में सही निर्णय पर निर्णय लिया जाए; लेकिन ऐसी परिस्थितियों में ऐसी शंकाएं हैं तो वे किसी विशेष अवसर के लिए संभावित कारणों को स्पष्ट करने के लिए सावधानी से प्रयास करेंगे।
हस्तरेखा शास्त्र आपकी क्षमता और भविष्य के बारे में सोचने के लिए एक महत्वपूर्ण सटीक मार्ग है। किसी विशेषज्ञ के पास जाने पर आप अपने कार्य के बारे में, अपने गुणों और कमियों के बारे में भी सोच सकते हैं, जैसे कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के अवसरों के बारे में। हथेली पर दी गई रेखाएँ आपकी भलाई, पारिवारिक जीवन, आपकी समृद्धि, भ्रमण और उपक्रम के बारे में बता सकती हैं। चाहे जैसा भी हो, इस क्षेत्र में किसी विशेषज्ञ को खोजना आवश्यक है, क्योंकि कई लोग इस विषय पर लोगों के विश्वास का दुरुपयोग करते हैं और आपको गुमराह कर सकते हैं। जैसे कि एक विशेषज्ञ को एक बदमाश से अलग करना है, उसके साथ आने वाले काम पर ध्यान देना होगा। एक असली हस्ती पूरी तरह से विश्लेषण करती है। दो हाथों, इस तथ्य के प्रकाश में कि प्रत्येक हाथ मानव वृत्ति के अपने पक्ष को दर्पण; कोई विशेषज्ञ पामस्ट इस प्रकार निर्भर करता है कि हाथ के सभी घटकों (अंगुलियों की संरचना और लंबाई, अंगुलियों के निशान, ढलानों को हथेली पर रखते हुए, हर पंक्ति और हर चिन्ह) का निरीक्षण हो। एक अच्छा विश्लेषक के रूप में विशेषज्ञ पामस्ट यह निश्चित रूप से बताता है कि कैसे एक नकारात्मक परिस्थिति में परिवर्तन किया जाए और कैसे दैनिक जीवन में सही निर्णय पर निर्णय लिया जाए; लेकिन ऐसी परिस्थितियों में ऐसी शंकाएं हैं तो वे किसी विशेष अवसर के लिए संभावित कारणों को स्पष्ट करने के लिए सावधानी से प्रयास करेंगे।
हस्तरेखा में मेरा पिछले 12 साल का तजुर्बा है की हाथ की रेखाएँ निरंतर बदलती रहती है और समय एवं आपके कर्मों के हिसाब से सबसे ज्यादा फल देती है। आप अपने साथ 45% भाग्य लेकर आते है, परंतु उस भाग्य का उपयोग करने और अपने जीवन को संवारने के लिए तक भी आपको खूब 55% कर्मों को अंजाम देना होता है। भाग्य के भरोसे बढ़ने वाले को उतना ही मिलता है, जितना कोई प्रयास कर छोड़ गया हो। इसलिए हस्तरेखा यहा आपकी इस प्रकार मदद कर सकता है कि आप जान सके कि कोन सा कर्म आपके नहीं करने या करने से परेशानी आ रहीं हैं, कहा से तकलीफ प्रारम्भ हो रहीं है? शुरुआती जड़ क्या है परेशानी कि?
जब आप इस प्रकार अपने परेशानी कि जड़ पर काम करते है और पता करते है, अपनी कमी को तो निश्चित रूप से उसके उपाय (remedy) कर खुद ब खुद निकल कर आता है। यहा पर हस्तरेखा शास्त्र आपकी इसी कमी को ढूंढते हुए एक दम सटीक जानकारी देता हैं।
दोस्तों यह था (basic point) जिसको जानना आपके लिए सबसे जरूरी था। ऎसे ही और रोचक और सटीक जानकारी आपको प्राप्त करनी हो तो यह मेरा youtube channel का लिंक है जिसपर जाकर आप सभी प्रकार के रेखाओं के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते है। यह youtube channel 2017 मे प्रारम्भ हुआ था और अभी भी हर हफ्ते 2 se 3 नए विडियो आते है। जिस पर मे हस्तरेखा की बारीक से बारीक और एक दम सही जानकरी देने का प्रयत्न करता हू, आज आप सभी के साथ के बदोलत तकरीबन 7 लाख लोगों ने चैनल को subscribe किया है। जिसपर हर नऐ विडियो को देखने के लिए उनके पास नोटिफिकेशन चला जाता है और तकरीबन मेरी 300 विडियो को 7.50+cr (साढ़े सात करोड़ से भी ज्यादा) बार देखा गया है और अभी भी यह अंक बढ़ता जा रहा हे, आपके इस अटूट विश्वास और साथ के लिए तहे दिल से धन्यवाद 🙏 । ऎसे ही अपना साथ बनाए रखे एवं खुद भी जागरूक रहे और अपने सगे संबंधियों को भी रखे। यहा पर मेरे चैनल के दो लिंक हें जिसपर क्लिक करें, आप आपके अपने youtube channel यानी हस्तरेखा विश्लेषण के तमाम वीडियो का लुत्फ उठा पाएंगे।
हाथ की यह महत्वपूर्ण रेखाओं के बारे मे जरूर जान लें
_जीवन रेखा (Life line)
जीवन रेखा शुक्र क्षेत्र (अंगूठे के नीचे वाला भाग) को घेरे रहती है। यह रेखा तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होती है और मणिबंध तक जाती है। इस रेखा के आधार पर व्यक्ति की आयु एवं दुर्घटना आदि बातों पर विचार किया जाता है।
_मस्तिष्क रेखा (Mind line)
यह रेखा हथेली के मध्य भाग में आड़ी स्थिति में रहती है। मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान के पास से ही शुरू होती है। यहां प्रारंभ होकर मस्तिष्क रेखा हथेली के दूसरी ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता पर विचार किया जाता है।
_हृदय रेखा (Heart line)
यह रेखा मस्तिष्क रेखा के समानांतर चलती है। हृदय रेखा की शुरूआत हथेली पर बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाला भाग) के नीचे से आरंभ होकर गुरु क्षेत्र (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग को गुरु पर्वत कहते हैं) की ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता, आचार-विचार आदि बातों पर विचार किया जाता है।
_सूर्य रेखा (Sun line)
यह रेखा सामान्यत: हथेली के मध्यभाग में रहती हैं। सूर्य रेखा मणिबंध (हथेली के अंतिम छोर के नीचे आड़ी रेखाओं को मणिबंध कहते हैं।) से ऊपर रिंग फिंगर के नीचे वाले सूर्य पर्वत की ओर जाती है। वैसे यह रेखा सभी लोगों के हाथों में नहीं होती है। इस रेखा से यह मालूम होता है कि व्यक्ति को मान-सम्मान और पैसों की कितनी प्राप्ति होगी।
_भाग्य रेखा (Luck line)
यह हथेली के मध्यभाग में रहती है, तथा मणिबंध अथवा उसी के आसपास से आरंभ होकर शनि क्षेत्र (मिडिल फिंगल यानी मध्यमा अंगुली के नीचे वाले भाग को शनि क्षेत्र कहते हैं।) को जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की किस्मत पर विचार किया जाता है।
_स्वास्थ्य रेखा (Heart line)
यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहते हैं।) से आरंभ होकर शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाले भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं) की ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी बातों पर विचार किया जाता है।
_विवाह रेखा (Marriage line)
यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध क्षेत्र कहते हैं।) पर आड़ी रेखा के रूप में रहती है। यह रेखा एक से अधिक भी हो सकती है। इस रेखा से व्यक्ति के विवाह और वैवाहिक जीवन पर विचार किया जाता है।
_संतान रेखा (Children line)
यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध क्षेत्र कहते हैं।) पर खड़ी रेखा के रूप में रहती है। यह रेखा एक से अधिक भी हो सकती है। इस रेखा से मालूम होता है कि व्यक्ति की कितनी संतान होंगी। संतान रेखा से यह भी मालूम हो जाता है कि व्यक्ति को संतान के रूप में कितनी लड़कियां और कितने लड़के प्राप्त होंगे।
_यात्रा रेखा (Travel line)
ये क्षैतिज रेखाएं कलाई और हृदय रेखा के बीच हथेली के विस्तार पर स्थित है। यह रेखाएं व्यक्ति की यात्रा की अवधि की व्याख्या, यात्रा में बाधाओं और सफलता का सामना तथा यात्रा मे व्यक्ति के स्वास्थ्य की दशा को भी दर्शाती है.
_सिमीयन रेखा (Simian line)
जो रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को गठित करती है। सिमीयन रेखा, सिमीयन फोल्ड, सिमीयन क्रीज और ट्रांस्वर्स पाल्मर क्रीज़ के रुप में भी जानी जाती है। यह एक दुर्लभ रेखा है, मस्तिष्क और हृदय के संयोजन का प्रतिनिधित्व करती है। यह सिमीयन रेखा व्यक्ति मे मानसिक धैर्य और संवेदनशीलता को दर्शाती है।
_मणिबंध रेखाएं (Bracelet line)
हाथ की सभी रेखाओं का सामुद्रिक शास्त्र में कुछ ना कुछ महत्व बताया गया है। हाथ की कलाई पर बनी मणिबंध रेखाओं का भी भविष्यकथन में अहम स्थान है।
► मणिबंध रेखाओं की पहचान
यह हाथ की कलाई पर शुरुआत में बनी होती है। यह किसी की कलाई पर तीन तो किसी की कलाई पर दो या चार भी होती हैं। यह रेखा आयु, स्वास्थ्य और संतान आदि की भविष्यवाणी करती है।
► मणिबंध रेखा पढ़ने के नियम
मणिबंध रेखाएं आयु से जोड़कर भी देखी जाती है।
• सामुद्रिक शास्त्र और अन्य शास्त्रों के अनुसार एक मणिबंध रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है। इसी तरह दो हो तो जातक की आयु 50, तीन हो तो 75 और अगर चार मणिबंध रेखा हो तो जातक बेहद सफल, संपन्न और दीर्घायु होता है।
• मणिबंध रेखा से अगर कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत की तरफ जाए जीवन में विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
• दो या चार मणिबंध रेखाओं का होना जातक के जीवन प्रथम संतान कन्या के होने का संकेत देती हैं और विषम जैसे एक और तीन मणिबंध रेखाएं प्रथम संतान के पुत्र होने का संकेत देती हैं।
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